उम्र दुल्हा केर घटल जा रहल अछि
दहेजक झोडी फटल जा रहल अछि
बानहल बांध भरोसा केर बाप पर
दहेजक बाडि मे बांध टुटल जा रहल अछि
चीन्ता सतावे दुल्हा के कहीं रही नै जै कुमार
जनगना में लडकी जे कमल जा रहल अछि
मजबुर बेटा कहलक बाप सं छोरु लालच दहेजक
जवानी व्यर्थ में बितल जा रहल अछि
पाकी गेल किछु केस मुदा बांकि छल मुँछ
आब त मुछो पकल जा रहल अछि
मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित Maithiliputra - Dedicated to Maithili Literature & Language
बुधवार, 28 दिसंबर 2011
गजल'
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रवि मिश्रा’भारद्वाज’

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