अहाँक चौवनीया मुस्की केलक घायल
मोन हरौलक अहाँक छमछमायत पायल
केलक एहेन जादु अहाँक नैना के तीर यै
देखलौव बहुत मुद कियो दोसर नै भायल
कतय चुरौलौ अहाँ हमर मोन यै
कने कहु कतय अछि हमर मोन हरायल
आँखि सँ चुरा क नुकौलौ करेजा मे
फसल एना ककरो घिचनौ ने बहरायल
मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित Maithiliputra - Dedicated to Maithili Literature & Language
बुधवार, 28 दिसंबर 2011
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रवि मिश्रा’भारद्वाज’

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