कनी हमरो बजा दिअ माँ
अपन दर्शन करा दिअ माँ
कते आशा लगोने छी
अपन चाकर बना दिअ माँ
जनम भरि बनि टुगर रहलहुँ
सिनेहक निर चटा दिअ माँ
जँ हम नेना अहाँकेँ छी
अलख मनमे जगा दिअ माँ
सुखेलै नोर जरि आँखिक
चरण ‘मनु’केँ दखा दिअ माँ
(बहरे हजज, मात्रा क्रम – १२२२-१२२२)
जगदानन्द झा ‘मनु’
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