आइ मिथिलामे सीया सीया शोर भऽ गेलै
राति कारी छलै से इजोर भऽ गेलै
जनकक धिया जानकी एली घर घर बाजए बधैया
छम छम नाचए बरखा रानी दूर भऽ गेलै बलैया
धरती उज्जर, हरियर कचोर भऽ गेलै
राति कारी . . . . .
उमरिक संग संग ज्ञानो बढ़ल बनली चंचल धिया
आँगुर कंगुरिया शिव धनुष उठेलनि सगरो एकर चर्चा
सीया धिया जगतमे बेजोर भऽ गेलै
राति कारी . . . .
नित दिन गौरीक पूजा कएलनि वर परमेश्वर पएलनि
त्याग तपस्या एहन देखू महलछोड़ि विपिन बौएलनि
लव-कुशक प्रेम पुरजोर भऽ गेलै
राति कारी . . . .
जानकी उत्सव आउ मनाबी बैसाखक शुक्ल नवमी
जिनकर ऋणसँ उऋण ने हेतै ई मिथिलाक धरती
"अमित" जागू नव दिवसक भोर भऽ गेलै
राति कारी . . . . .
अमित मिश्र
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