मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। एहि ब्लॉग के subscribe करब नहि बिसरब, जाहिसँ समस्त आलेख पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनि के भेटैत रहत।

बुधवार, 22 मई 2013

परिणाम

एकटा महिला डाक्टरसँ" डाक्टर साहेब कने अल्ट्रासाउण्ड कऽ दिअ ।"
डाक्टर बाजल "किए बेटी नै सोहाइत अछि की ?जँ भ्रुण हत्या चाहैत छी तँ हम नै करब ।"
ओ महिला कने हड़बड़ाइत बाजल "नै नै, हमर खानदानमे बेटी नै अछि ।बेटीये चाही ।" ओकर मुखारबिन्दपर झूठ झलकि रहल छल ।बात बढ़बैत "जँ बेटी हएत तँ दूना फीस देब ।"
दूना फीस सूनि लोभ वस डाक्टर झूठ कहलकै जे बेटीये अछि ।
किछु दिन बाद ओ महिला बच्चा खसा लेलक ।एहि क्रममे माए बनबाक क्षमतो नै बचलै ।तखन पता चललै जे असलमे भ्रुण बेटेक छलै ।आँखि नोरा गेलै ।आब जीवन भरि नि:सन्तान रहबाक दुख जीवाक ताकत खतम कऽ देने छलै । झूठ आ हत्याक बड भारी परिणाम भेटलै ओकरा ।

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें