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गुरुवार, 21 नवंबर 2013

आब नै चुप रहव - चल्लू डेल्ही

मिथिला राज्य निर्माण सेना केर द्वारा २४ नवम्बर क दिन के २ बजे कॉफ़ी हाउस दिल्ली स हरीश रावत के घर तक जत्था मार्च करत और हरीश रावत के घर के सामने हरीश रावत के पुतला दहन करत तथा अपन विरोध दर्ज करत | सब मैथिल भाई बहिन और मिथिला संस्था स आग्रह जे बेसी स बेसी संख्या में आबि क अपन घोर विरोध दर्ज करी | दिल्ली में रहै वाला सब मैथिल स आग्रह जल्दी स संपर्क करू और अई आंदोलन में अपन सहयोग करू | राजेश झा-08607817171 संजय कुमार- 09910644894 कमलेश मिश्र - 9560437000 , मदन ठाकुर -9312460150  , 
ई एहन  शब्द बजल कोनो -? 
   


























चमचागिरी आ चाटुकारिता के एकटा सीमा होइत अछि , हद भा गेल सीता मैया के सेहो ई विदेशी मूल के कहि रहल अछि , सर्वविदित अछि अदौकाल सं जकर प्रमाणिक इतिहास अछि जे माँ सीताक जन्म सीतामढ़ी जिला अंतर्गत पुनौरा धाम मे भेल अछि , तिनका विदेशी मूल के कही एकर तुलना सोनिया गाँधी से क रहल छथि ई पाखान्द्शिरोमानी हरीश रावत , रावत जी ज क इतिहास पदु आ अपन वक्तव्य के वापस लिय , सरिपहुं ई हरेक मैथिलक मुहं पर थापर समान थिक जे हमर धरोहर माँ समान सीता मैया के सोनिया सन महिला सं तुलना कायल गेल अछि | एकरा हम व्यक्तिगत रूपेण अपन संस्था मिथिला राज्य निर्माण सेना के तरफ सं घोर निंदा करैत छी , अगर अहाँ सब हमरे जकाँ लागैत अछि त आऊ coffe हाउस रवि दिन २ बजे अपरान्ह आ एही कुकृत्य के लेल हरीश रावत के पुतला दहन कायल जाय आ हिनका ई वक्तव्य के वापस लेबा पर मजबूर करू |

एहन चमचा शिरोमणि के की कायल जाय ,
कालिख पोअति चुगला बनायल जाय ,
आऊ सब मिलि एकर पुतला दहन करी ,
मैथिल होयबाक किछु त स्वाभिमान करी ,
जा तक रहत एहन एहन लोक जेना की रावत ,
मैथिलि अपमानित होइत रहत ....... तावत
आऊ सब मिलि देखाऊ अपन त|गत | 




हरिश रावत तोहर ओकात कि छउ तकर थाह तोरा 24 के पता चलतउ । माता सिताके अपमानित कैला के बाद रावण एहन प्रतापि राजाके नाश भ गेल तु कोन खेत के मूली छे रे रावत...24 november ke din ke 2 bje Coffee house,CP Delhi enay nay bisru.....CP s harish Rawat ke ghar tak march kel jet ekar bad putla Dahan-

हिन्दू धर्म के ठेकेदार और ठीकेदारी लेने वाली संगठने चुप क्यूँ हैं l क्या उन्हें काठ मर गया है, या संज्ञा सुन्यता मे है ?

आखिर राम की राजनीति चमकाने वाले और इलेक्शन के समय ८४ कोशी यात्रा करनेवालों की जड़ता कब टूटेगी ?

माता सीता का यह अपमान, कब तक सहेगा हिंदुस्तान ?
 ऐसे नेता देश को क्या विकास के राह पर ले कर जाएंगे जिनको इतिहास पता ही नहीं है, सीता माता विदेशी कैसे?????
जब सीता माता थी तब इंडिया, भारत, हिंदुस्तान, या नेपाल ही नहीं बना था, उस समय तो मिथिला राज्य हुआ करता था, क्या सही में अज्ञानी नेताओ के संख्या जयादा होगया है इस देश में ?

कांग्रेस के हरीश रावत ने आज मुझे अर्थात बिहार खास कर मिथिला की बेटी को विदेशी कहा है। तिरहुत सरकार लक्ष्‍मेश्‍वर सिंह ने कांग्रेस को पहला दान देकर सही में रावत जैसे लोगों को देशभक्‍त बना दिया।

Gopal Jha हरीश को इतिहास की जानकारी लेनी होगी की जहां माता सीता का जन्म हुआ वह स्थान आज भी भारत में है सत्ता के नशे में झूठ बोलने से सच नहीं हो जाती माता सीता का जन्म सीतामढ़ी में है और मैं सीतामढ़ी वासी होने के नाते इस बयान का घोर निंदा करता हूँ

ई कांग्रेस त मैथिला के खा गेलभाई 1.अंग्रेज मिथिलाक दू भाग मे बटलक ,आजादि के बाद cong. सरकार अङि मुद्दा पर चूप रहल..2.नेपाल स हर साल जे पईन छोरल जोईत अछि जहि स मिथिला मे हर साल भंयकर बाईढ आवैत अछि cong.के देन छि 3.आब राबत कहैत अछि जे सिता माता बिदेसी छलिह..
आब  कहु  कि -२  सुनई लेल  बांकी  अच्छी - ? 
आब नै  चुप रहव - चल्लू डेल्ही 

सोमवार, 18 नवंबर 2013

साम- चकेबा पर्व - नोएडा

साम- चकेबा  पर्व - नोएडा 



के  शुभ  अबसर  पर शिव शक्ति  सोसैटी (सेक्टर ७१ नॉएडा )  दुवारI साम- चकेबा  पर्व के  आयोजन , मुन्ना शर्मा आ विशम्भर ठाकुर जी  के  अध्यक्षता   में  कैल  गेल  छल ,  जाही  में  विशेस  मुख्य  अतिथि  सबके  दोपटा से  सम्मानित  कैल गेलनि ,

श्री महेश शर्मा (विधायक- नॉएडा ) नेपाल सन - प्रवीण नारायण चौधरी (अन्तर रास्ट्रीय दहेज़ मुक्त मिथिला ) मैथिला राजय निर्माण सेना-  के  सह सहयोगी राजेश झा जी  , मिथिला वाशी सोसाइटी के महा सचिव - संजय झा , मदन ठाकुर  दहेज़ मुक्त मिथिला (देल्ही -प्रभारी ) अनिल झा जी , खेला नन्द झा ,  जिनकर  मुख्य  उदेश  छल बिहार  मिथिलांचल के  बिकाश और  मिथिलाक  परम परा और  धरोहर  के  सयम  रखनए अहि साम - चकेबा पर्व के  संचलन  श्री महेश शर्मा (विधायक- नॉएडा )के दुरा दीप प्रजुलित आ पात्रिका बिमोचन संग  साम -चकेबा  मूर्ति  के  अपन  ठेहुन से  तोरैत उपरांत  मिथिलाक  परम-  परा के  निर्वाह   करैत  अपन  मुखार -बिंदी  से  मिथिलाक  अनेको  धरोहर  के  बखान  केलैथि ओही  के  बात   आमोद झा मुजिकल  ग्रुप के  जरिया सांस्कृतिक  कार्य-  करम  के  सुरुवात  के गेल  जाही  में  मुख्य  गायिका कुमकुम मिश्रा , कल्पना जी  के संग  अनेको  गायक - गायिका  सब उपस्थित भेल छला ,

संस्कृत कार्य  करम  के  बाद   बिधि  पुरबका बिंदा बन और  चुगला  के  जरयाल गेल  और समदोन  गबैत आ फेर  अगिला साल  साम- चकेबा के अबेय के गीत  गबैत  सब  माय  -  बोहीन अपन  डाला  लाके  अपन - अपन  घर-  अगन  गेली 

नोट - डेल्ही एन सी आर  में  ई प्रथम स्थल  अच्छी  जतय मिथिला के  संस्कृति  के  गरीमा  बढबैत अपन पहचान आ संस्कारक संग ई  शुभ  अबसर  पर शिव शक्ति  सोसैटी (सेक्टर ७१ नॉएडा )  दुवारI  साम- चकेबा  पर्व के  आयोजन आए  ६ वर्ष सन  मनाबैत छैथि , अहि  द्वारे कहल  जैत  अच्छी , जतय मैथिल ओतय  मिथिला 

जय मैथिल - जय मिथिला )

शुक्रवार, 15 नवंबर 2013

गजल

हम हँसलौ तँ संसार ई हँसल
कानलपर हमर नै कियो कनल

सिदहामे बझल आइ लोक सभ
आनक  नै सरोकार छै  बचल  

घुन खेने सगर घरक खामकेँ
र बाती निकलि डोलिते चलल

खूनसँ ओरयानी सभक पटल
सुनतै आब के केकरो कहल

मनुमनभौक गुड़ चौर खा कए
किरदानी सभक देखते  रहल

(मात्रा क्रम २२२१-२२१-२१२) 

जगदानन्द झा मनु

बुधवार, 23 अक्टूबर 2013

गजल

लदने नै अनेरे लाश छी कान्हपर
जीवन केर सबटा आश छी कान्हपर

दिन भरि जे कमेलौं ओकरे दाम अछि
ढाकीमे बुझू नै घास छी कान्हपर

खूजल उक जकाँ  कोना फरफराइ छी
नै रखने मनुक्खक भाष छी कान्हपर

भैया भेल नेता आब नै हम डरब
रखने हाथ सदिखन खास छी कान्हपर

कुक्कुर पोसि नव-नव साहबी केर ‘मनु’
दू कट्ठा बचेने चास छी कान्हपर 

(बहरे कबीर, मात्रा क्रम – २२२१-२२२१-२२१२)
जगदानन्द झा ‘मनु’  

शनिवार, 19 अक्टूबर 2013

गजलक लहास


कलानन्द भट्ट कृत गजल संग्रह कान्हपर लहास हमर केर आलोचना, आलोचक/समीक्षक जगदानन्द झा मनु

हमरा पढ़क शौभाग्य भेटल कलानंद भट्ट कृत गजल संग्रह कान्हपर लहास हमर जे की १९८३मे प्रकाशित भेल अछि। एहि गजल संग्रहमे कलानंद भट्ट जीक गजल प्रति सम्बोधन गजलक मादेक अलाबा कुल ४८टा गजल वा गजल सन किछु अछि। भट्टजी अप्पन संबोधन गजलक मादेमे तँ विभक्ति सटा कए लिखने छथि मुदा बाद बांकी गजल सभमे विभक्ति शब्दसँ हटा कए लिखल अछि। ई संकेत अछि हुनक वा हुनक समकालीन मैथिली लेखकक द्वारा गद्य आ पद्यमे मैथिली प्रति कएल गेल अन्तर।
एहि संग्रहक मादे, गजलक व्याकरण पक्षपर अबैत छी। एक गोट गजल लेल सभसँ आवश्यक अछि काफिया आ रदीफक पालन मुदा एहि संग्रहक किछु गिनतीक गजल छोरि कए बाद बांकी गजलमे काफिया आ रदीफक दोख अछि।

गुरुवार, 17 अक्टूबर 2013

गजल


कोना अहाँकेँ घुरि कहब आबै लेल
बड़ दूर गेलहुँ टाका कमाबै लेल

नै रीत कनिको प्रीतक बुझल पहिनेसँ
टूटल करेजा अछि किछु सुनाबै लेल

लागल कपारक ठोकर जखन देखलहुँ
नै आँखिमे नोरक बुन नुकाबै लेल

बुझलहुँ अहाँ बैसल मोनमे छी हमर
ई दूर गेलहुँ हमरा कनाबै लेल

कोना कऽ ‘मनु’ कहतै आब अप्पन दोख
घुरि आउ फेरसँ दुनियाँ  बसाबै लेल

(बहरे- सलीम, मात्रा क्रम-२२१२-२२२१-२२२१)                             
जगदानन्द झा मनु’

शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2013

अनमोल झा जीक पोथी “टेकनोलजी”क समीक्षा


समीक्षक – जगदानन्द झा मनु’
मिथिला संस्कृतिक परिषद, कोलकत्ता द्वारा प्रकाशित श्री अनमोल झा जीक लघुकथा संग्रह टेकनोलजी एखन हमरा हाथेमे अछि। पाँछाक तीन दिनसँ लगातार एकरा पढ़ि रहल छी। सुन्नर कवर पेंजसँ सजल तेहने भीतरक कथा सभ एकसँ एक उपरा उपरी।
सबसँ पहिने अनमोल जीकेँ एहि --- कथा संग्रह हेतु बहुत बहुत बधाइ आ संगे संग मंगल कामना जे मैथिली साहित्यमे दिनो दिन ओ शुक्ल पक्षक चाँन जकाँ उदयमान होइत रहथि।
मिथिलांचल टुडे टीमक तरफसँ हमरा एहि पोथीक समीक्षा केर दायित्व भेटल। हमरा लेल ई कठिन काज आ ओहूसँ बेसी कष्टकर छल बिना कोनो पक्ष बिपक्षमे गेने तटस्थ एहि पुस्तककेँ समीक्षा केनाइ। हमरामे कौशल आ शहास दुनूक अभाब मुदा माँ सरोस्वती आ गुरुदेवकेँ सुमिरैत अपन आँखिकेँ पोथीक पन्नापर आ कलमकेँ कागदपर चलबए लगलहुँ।
अनमोल जीक समर्पण देख मोन गदगद भए गेल। जतए आजुक नव पीढ़ी अपन माए बाबूकेँ बोझ बुझि रहल अछि ओहिठाम अनमोल जीक

शुक्रवार, 27 सितंबर 2013

मैयाक गीत


मैया भवानी  अलख जगेथीन
अन्न धन देथीन हमरो घर ना
नै हम रहबै लेने खाली दूबि धान

माँगै छी मैयासँ माँगक सेनूर
लाले लाल अचरीक दान
मैया करथीन हमरो कल्याण

सोन सन ललना हमरो कोरामे
देथीन मैया एक दिन ना
एबै हम संगे संग
करै लेल एहिठाम चूमान

जोगनी बनि सेबलहुँ हम
मैयाकेँ एखन धरि
वन वनसँ अनलहुँ फूल पान

मैया कनी दियौ हमरोपर धियान  

*****
जगदानन्द झा 'मनु'

मंगलवार, 24 सितंबर 2013

बीमारी

बीमारी छल त पुरान मुदा आब जवान भ गेल
जाहि सॅ सब कियो व्यक्ति आब परेषान भ गेल

एहि सॅ बचे के नहिं छे कोनो उपाय
बाजारो में भेटहि नहिं छे कोनो दवाई

कि एहि जगमे फेर नारीके सम्मान हेते ?

नहिं जानि  कहिया धरि एना अपमान हेते
कि एहि जगमे फेर नारीके सम्मान हेते
होइत अछि पूजा लक्ष्मी आ दुर्गाके जाहि ठाम
जुल्म होइत देखलौं हम , नारीपर ओहि ठाम
कि एहि

गीत - सब दिलके पाँछा लागल रहति अछि

दिल अभागल रहति अछि , दिल पागल रहति अछि
किएक सब दिलके पाँछा लागल रहति अछि
दिल दिल होयत अछि , मासूम दिल होयति अछि
तहियो सब दिलके पाँछा लागल रहति अछि
गलती एकर एतबी दिल , दिलसॅ प्यार कएलक

गीत - अहाँक रुप चाँद सन अछि

सभ कहैत अछि अहाँक रुप चाँद सन अछि , हमरासॅ पूछू चंदा अहाँ सन अछि
सभ कहैत अछि बोली कोईली सन अछि ,नहिं कोईलीके बोली अहाँ सन अछि

फूलके महक सभसॅ नीक होयति अछि ,ओ खूशबू कहँा जे अहाँ बदनमे अछि
कथी सॅ तुलना करी अहाँ के फॅुराय नहिं अछि ,

चहटगर गीत


पोर पोर तोहर रस सॅ भरल
यौवन भेलो निखार
सोलह बरस के उमर में सभ
मांगहि छौ प्यार
अपन सजना बना ले गे हे गे गोरकी छउड़ी -2

गीत

शेर - हमरा सॅ जुनि पुछू कतेक प्रेम अछि अहाँ से 
पूछबाक अछि त दिल सॅ पूछू कतेक प्रेम अछि अहाँ से 

गीत
आबू लग त आउ हमर बात सूनू
किछु हम कही किछु अहूँ कहू
हमर मन बेचैन अछि सजनी अहाँ के लेल -2
पहिल बेर जखन हम देखलौं अहाँ के

गीत

माय बाप के सतबियँ जुनि बौआ -2
हमर बात ध्यान सॅ सुन बौआ 
माय बाप के सतबियँ जुनि बौआ
माय छथि जग में देवी , पिता छथि भगवान रौ