मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। एहि ब्लॉग के subscribe करब नहि बिसरब, जाहिसँ समस्त आलेख पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनि के भेटैत रहत।

शुक्रवार, 15 नवंबर 2013

गजल

हम हँसलौ तँ संसार ई हँसल
कानलपर हमर नै कियो कनल

सिदहामे बझल आइ लोक सभ
आनक  नै सरोकार छै  बचल  

घुन खेने सगर घरक खामकेँ
र बाती निकलि डोलिते चलल

खूनसँ ओरयानी सभक पटल
सुनतै आब के केकरो कहल

मनुमनभौक गुड़ चौर खा कए
किरदानी सभक देखते  रहल

(मात्रा क्रम २२२१-२२१-२१२) 

जगदानन्द झा मनु

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें