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मंगलवार, 24 सितंबर 2013

गीत

शेर - हमरा सॅ जुनि पुछू कतेक प्रेम अछि अहाँ से 
पूछबाक अछि त दिल सॅ पूछू कतेक प्रेम अछि अहाँ से 

गीत
आबू लग त आउ हमर बात सूनू
किछु हम कही किछु अहूँ कहू
हमर मन बेचैन अछि सजनी अहाँ के लेल -2
पहिल बेर जखन हम देखलौं अहाँ के


बनायब हम अप्पन सोचलौं अहाँ के
मुँहक बात मुँहें रहि गेल , आँखि त हमर सब किछु कहि गेल
आँखि त हमर सब किछु कहि गेल
अहाँ ताकेत रही दोसर दिस सजनी
एको बेर नहिं हमरा दिस तकलौं अहाँ
ई देखिते जेना हमर दिल टूटि गेल
बिना देखने कियो जेना दिल लूटि गेल
मन छटपट-2 करय सजनी अहाँ के लेल
हमर बेचैन अछि सजनी अहाँ के लेल
आबू लग त हमर बात सूनू
किछु हम कही किछु अहूँ कहू
हमर मन बेचैन अछि सजनी अहाँ के लेल -2
आई दोसर बेर जखन भेटलौं अहाँ
सोचलौं मनक बात हम जरुर कहि देब
जे आई तक हमरा मन में छल
कि अहूँ के मन में एना किछु छल
बात मानु ........................ -2 याद जखन अहाँ के आबय अछि तखन
बिन पानि के माछ जकाँ तड़पय अछि मन
हमर दुःख बूझू , सजनी किछु त कहू
सजनी किछु त कहू , हमर दुःख बूझू
एना सतावय छी हमरा कथी के लेल
हमर बेचैन अछि सजनी अहाँ के लेल
आबू लग त आउ हमर बात सूनू
किछु हम कही किछु अहूँ कहू
हमर मन बेचैन अछि सजनी अहाँ के लेल -2

(तर्ज - सलाम ए इष्क मेरी जान जरा कबूल कर लो )
आशिक ’राज’

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