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बुधवार, 4 सितंबर 2013

आँच

जिला अस्पताल। डा० श्रीमती देवी सिंह। पेशेंटकेँ शुक्ष्म परिक्षण कएला बाद परिक्षण कक्षसँ बाहर आबि कुर्सीपर बैसैत, सामने अपन कॉलेजक संगी सुधासँ, ई कि अहाँ तँ कहलहुँ सुटीयाक वर दू वर्ख पहिने मरि गेल छै मुदा ओ तँ तीन महिनाक गर्भसँ अछि।
से कोना ! हमरा तँ ओ कहलक ब्लडींग बेसी भए रहल छै, तेँ हम ओकरा लए कऽ अहाँ लग आबि गेलहुँ नहि तँ हमरा कोन काज छल एहि पापक मोटरीकेँ लए कऽ एतए आबैकेँ
से कोनो नहि, कएखनो-कएखनो कए एना हैत छैक। गर्भ रहला उतरो संजम नहि कएलासँ ब्लडींग बेसी होइत छैक परञ्च पतिकें मुइला बादो ई गर्भ कतएसँ।
से की पता ई पाप कतएसँ पोइस लेलक मुदा ओकरो कि दोख बएसे की भेलैए मात्र बीस वर्खक बएसमे ओकर घरबला छोरि कए परलोक चलि गेलै। एहिठाम पच्चपन वर्खक पुरुखकेँ ब्याहक अधिकार छै मुदा ओहि समाजक लोक बीस वर्खक विधवाकेँ एहि अधिकारसँ बंचित केने अछि आ जखन आँच पजरतै तँ किछु नहि किछु पकबे करतै ओ चाहे रोटी होइ वा हाथ।

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