मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। एहि ब्लॉग के subscribe करब नहि बिसरब, जाहिसँ समस्त आलेख पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनि के भेटैत रहत।

रविवार, 25 अगस्त 2013

गजल

गजल-1.66
एक ठोप प्रेम चलते तड़पैत छी
मान तोहर चित्र नोरसँ पोछैत छी

प्रीतकेँ पकड़ब सहज नै आँखिसँ बुझू
सत हियाकेँ हाथ लेने हँकमैत छी

आइ बदलल सन लगै छै दुषित हवा
एक जोड़ा मोर तन-मन मिलबैत छी

सोन सन जीवन निशामे मातल रहय
तेँ उधारी माँगि दुख पिबैत छी

धातुकेँ सोना तँ बनबै छै आगिये
तेँ सिनेहक आगिमे तन जड़बैत छी

बहरे जदीद
2122-2122-2212
अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें