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सोमवार, 7 जनवरी 2013

रुबाइ

गोरी तोर मुस्कीमे छौ जहर भरल 

नै एना मुँह खोल कते घायल परल 

तोहर फुलझड़ी सन मारुक हँसी सुनि क

भेटत बाटपर कतेको छौंड़ा मरल 

                   ✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

 


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