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गुरुवार, 9 अगस्त 2012

गजल

आबए छैक  मजा रसिक पर कलम चलाबएसँ
बनि गेल जे गजल हुनक चौअन्नी बिहुँसाबएसँ

प्रेम होबएमे नै  लगैत छैक बरख दस बरख
भ जाए छैक प्रेम बस कनेक नजैर झुकाबएसँ

जँ  प्रेममे  कपट होए   टूटीतौ नहि लागै छैक देर
जेना टूटि जाइ  छैक काँच कनीके हाथ लगाबएसँ

जँ नहि बुझि पेलौं आंखिक कोनो इशारा कहियो अहाँ
आईए  की  बुझब  आँखिसँ हमर नोर  बहाबएसँ

ताग टूटल जोरबासँ परि जाइ  छैक गीरह जेना
रूबी ओझरेब ओहिना  बेर बेर प्रेम लगाबएसँ

(आखर -२०)
रूबी झा

गजल



नव लोकक केहेन नव चलन देखियौ
एक दोसर सँ कतेक छै जरण देखियौ

खोलि क राखने बगल में रमक बोतल
आ मुहं मे रामक केहेन भजन देखियौ

दिने दहार झोंकि रहल छै आंखि मे धूल
बनि रहल छैक कतेक सजन देखियौ

चपर चपर सब तैर बजैत चलै छै
बेर काल मे नाप तौल आ वजन देखियौ

देखि सुनि रुबी क लागि रहल छै अचरज
भ्रष्ट जुग मे भ रहल ये मरण देखियौ

आखर -१६
रूबी झा

गजल

बन्न घरमें भोरमें कानै किए छी
आंखिक नोर सँ सभ सानै किए छी

बुझै छी जनु लगै हमरा सँ भय
प्रिय आन बुझि मोन आनै किए छी

प्रथम भेंट क' अछि आजुक भोर
डॉर होय अहाँ क इ ठानै किए छी

संगे-संग गमायेब सुख आ दुःख
तहन गप अहाँ नै मानै किए छी

लाजे मरै छैक ''रूबी'' यौ प्रियबर
रहस्य एतबो टा नै जानै किए छी

सरल वार्णिक बहर वर्ण -१३
रूबी झा

गजल

आइ हमरा निन्न भैए ने रहल अछि
कल्पना जनि कोन मोने में गरल अछि

किछ लिखा चाही खुशी सौ छी अहाँ बिन
इंक नै पहिने हमर नोरे खसल अछि

सौन माषक पैन इन्होरे बुझाई
सगर जिनगी में अनल हमरा भरल अछि

पंचमी इ प्रथम केहन  बितल   पिय  बिन
सौंस पख बिरहन बनि क आशे बितल अछि

पहर राइत आध में जागल चिहुक के
मोन वेकल अछि रूबी भाग्ये जरल अछि

२१२२-२१२२ -२१२२ सभ पांति में
रूबी झा

गजल

अछि हाथ में केहेन समय कs खंजर देखियौ
सगरो पसरल अछि जंतर मंतर देखियौ

किनको सँ सत्य आ बिश्वासक हाल जुनि पूछियौ
पसरल सौंसे तs एकर अस्थि पंजर देखियौ

गुणा भाग में लागल ब्यस्त रहै अछि सभ कियो
भूखे ब्याकुल धरती प्यासल समंदर देखियौ

सभ कियो अपना अपनी कs जिवैथ स्वार्थे बस
भ रहल ये सुखार में भावना बंजर देखियौ

कहिया धरि जनम लs सम्भारता धरती राम
घरे घर जखन जन्मल दसकंधर देखियौ

जुनि जाऊ रहस्ये नुकैल जहरी मुस्कान पर
''रूबी'' रक्त पिव सँ भरल घाव अंदर देखियौ

.......................वर्ण १८  .......................
रूबी झा


भक्ति गजल


श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर राधा कृष्ण क नोक झोंक क रूप में इ हमर बिनु रदिफक गजल :>


छोट यमुना केर निर्झर राधा गेलि नहाए
बाट पछोरल श्रीकृष्ण रहलि राधा लजाए

कहियो माँगे कान्हा ढूध दधि माखन कहियो
केलेंन हद एक दिन लेलैन चीर चोराए

मटकी फोरलैन छल सँ बाहीं झकझोरल
ओही झकझोरि में त देलैन चुरी ओ गराए

राधा रिसियाओल मनहि मन गरियाओल
कदम बृक्ष तड ओ तैयौ लेलैन अंगराए

छल हाथ चीर राधा क डाँर छल मटकी
पाछुए सँ कृष्ण देलैन मधुर बंसी बजाए

अछि अनुपम प्रेम लीला त राधे कृष्ण केर
नैन बिभोर भेल देवगन पुष्प बरसाए
आखर -१७
रूबी झा

भक्ति गजल

हे यौ कमल नयन किशन कन्हैया शीघ्र पधारू
हे यौ मुरली मनोहर बंशी बजैया शीघ्र पधारू

जहिना मौसी पुतन मारल दूध पीबि क बाला में
हे श्याम सुन्नर बलदाऊ केर भैया शीघ्र पधारू

चीर चोराओल गोपीन सभ क संगे राधा प्यारी क
नंदलाला माखन चोर धेनु चरैया शीघ्र पधारू

संकट में अछि अहाँ क धरती बाट जोहै सेवक
सौंसे सर्प बिष भरलै नाग नथैया शीघ्र पधारू

केलौ सोहावन नन्द यशोदा क आँगन द्वापर में
ऐ युग में बेकल नैन पार लगैया शीघ्र पधारु

कते करू विनय करूणामय लाज बचाबू आबि
हे मोहन द्रोपदि केर लाज बचैया शीघ्र पधारू

देवकी वासुदेव क मुक्त केलौ अहाँ करी बेरी सँ
देवकी नंदन कंसक प्राण हरैया शीघ्र पधारू

बृंदाबन में रास रचाओल सहस्त्र गोपीन संग
हे यउ बृजकिशोर छी रास रचैया शीघ्र पधारू

आखर- १९
रूबी झा

गजल



हमर ठोढ़क चौकैठ पर आबि किए नुकाबए छी
बनि क हमर ठोढ़क मुस्की जानि बूझि सताबए छी


निःशब्द राति में चिहुंकि जगलौं आहट सुनि अहाँके
कहू त अहाँ कतेक निर्दय सूतल सँ जगाबए छी


हम अहाँ बिनु कोना जीयब इहो नै बूझल अखन
क रहल छी प्रयास जे मुश्किल किएक बनाबए छी


कहने छलौ अहाँक करेजक घर में रहै छी हम
सभ के केवार करेजक खोलि किएक देखाबए छी


एतबो बकलेल जुनि बूझू हमरा अहाँ यौ प्रीतम
"रूबी" सबटा बुझै छैक जानि बूझि क खिसयाबए छी

आखर --२०
{रूबी झा }

मंगलवार, 7 अगस्त 2012

मैथिलपुत्र पुरस्कार योजना

बहुत हर्खक गप्प  जे मैथिलपुत्र ब्लॉग  मासीक आ वार्षिक दूटा पुरस्कारकेँ घोषणा कए  रहल अछि। पहील मासिक पुरस्कार - मासक श्रेष्ठ रचन पर आ दोसर बारहो मासक श्रेष्ठ छान्टल रचनामे सँ सर्बश्रेष्ठ रचनापर वार्षिक पुरस्कार। मासक पुरस्कारमे अगस्त, २०१२ पहील मास आ वार्षिक पुरस्कारमे पहील वार्षिक पुरस्कार अगस्त २०१२ सँ जुलाइ २०१३ तककेँ। छान्टल रचनाक बिच, चयन कए १५ अगस्त २०१३ कए घोषित कएल जाएत।
मैथिलपुत्र मासीक पुरस्कारक मानक रासी अछि रु० २५१/-
मैथिलपुत्र वार्षिक पुरस्कारक मानक रासी अछि रु० १००१/-

> रचना मैथिलीक कोनो बिधा जेना कथा, विहीन कथा, कविता, गजल, आ आन कोनो।
> रचना अप्रकाशित, नव एवं स्वं लिखित हेबाक चाही।
> निर्णायक मंडलक निर्णय अंतिम होएत।
> जिनकर नाम मैथिलपुत्र लेखक दलमे नहि अछि ओ अपन रचना jagdanandjha@gmail.com पर पठाऊ।
> ब्लॉग व्यबस्थापक आ हुनक समांग एहि प्रतियोगतामे सामिल नहि हेता।


मासिक पुरस्कार विजेता --
१. अगस्त २०१२- किशन कारीगर
२. सितम्बर २०१२-गुंजन श्री
३. अक्तूबर २०१२-अमित मिश्र
४. नबम्बर २०१२-ओम प्रकाश झा
५. दिसम्बर २०१२-भाष्कर झा 
६. जनबरी २०१३-बाल मुकुंद पाठक 
७. फरवरी २०१३-ओम प्रकाश झा 
८. मार्च २०१३-अमित मिश्र 
९. अप्रैल २०१३-अमित मिश्र 
१०.मइ २०१३-मनीष झा "बौआभाई'' 
११.जून २०१३-अमित मिश्र 
१२.जुलाइ २०१३-आशिक राज 

अन्तिम जगह


फेकना | मए बाऊ की नाम रखलकै गाम में केकरो  नहि बुझल आ किंचीत ओकरा अपनों इआद होए की नहि | ओ एहि उपनाम सँ गाम भरि में जानल जाइत छल | खेतिहर मजदूर मुदा जीवन भरि उर्मील बाबूक  छोरि दोसर केँ खेत पर काज नहि कएलक | हुनके जमीन पर जनमल आ हुनक एवं हुनके परिवार केँ जीवन भरि  सेबा  करैत एहि संसार सँ अपन पार्थिक शरीर छोरि बिदा भए गेल | जेकर जन्म भेलैक ओकर मृत्यु निश्चिन्त छैक एहि सत्य केँ मोन राखि फेकना समांग सब ओकर अन्तिम क्रियाक तैयारी में लागि गेल |
उर्मिल बाबू नोत पुरै लेल दोसर गाम गेल रहथि | गामक सीमा में पएर राखिते  मांतर कएकरो सँ फेकनाक मृत्युक समाचार भेट गेलैंह | सुनि दुखी मोने  घर दिस डेग झटकारलैंह | किछु दूर एला बाद रस्ते में हुनका फेकनाक  शवयात्राक दर्शन भेलैंह | फेकनाक  समांग सभ हुनका देख ठमैक गेल | उर्मिल बाबू चटे जा कए फेकनाक  झाँपल मूह उघारि ओकर मूह देखला आ नम आँखि सँ फेकनाक  बेटा सँ पूछलथि - "अग्निदाह केँ व्यबस्था कतए छैक |"
"  ठूठी गाछी में मालीक |"
" दूर बुरि कहिंके, कनीक हमरो आबैक इंतजार तँ  करै जैतअ, जीवन भरि हमर जमीन पर काज केलक आ आब मूइला बाद ठूठी  गाछी.... | चलअ हमर कsलम चलअ, हमर कsलम में नहि जगह केँ कमी अछि आ नहि गाछक ओतए दुनूक व्यबस्था छैक " ई कहैत उर्मिलबाबू आगू-आगू आ सभ हुनक पाछु-पाछु हुनकर कsलम दीस बिदा भए गेल |  
*****
जगदानन्द झा 'मनु'

शुक्रवार, 3 अगस्त 2012

रोटीक स्वाद

आई दस बर्खक  बाद कियोक पाहून छोटकी काकीक अँगना एलैंह  | पहुनो परख गरीबक घर अँगना किएक एता | छोटकी काकी ओनाहितो गरीब मसोमात एहनठाम कि सेबासत्कार भेटक उम्मीद | 
पाहुनो केँ तँ   हुनकर बहिनक बेटा | ओकरा ओ बारह बर्ख पहीले देखने रहथि आ आब ओ सत्रह बर्खक पाँच हाथक जबान भए  गेल अछि |
आबिते अपन मौसी केँ पएर छू कए  गोर लगलक |
"केँ बौआ चिन्हलहुँ नहि ?"
"मौसी ! हम लोटन, अहाँक बहीन मालती केँ बेटा |"
मौसी (छोटकी काकी) दुनू हाथे स्नेह सँ लोटन केँ माथ पकैर अपन  करेजा सँ सटा -" चिन्हबौ कोना, मूडने में  पाँच बर्खक अवस्था में जे देखलीयै से देखने देखने, आई कोना ई गरीब मौसीक इआद  आबि गेलौ |"
लोटन - "मौसी मधुबनी में हमर परीक्षाक सेंटर परल छल आई परीक्षा खत्म भेल  तँ  मोन में भेल मौसीक घर सौराठ  तँ  एहिठाम सँ कनिके दूर छैक भेट कए  आबि "
मौसी -" जुग- जुग जीबअ नेन्ना, एहि दुखिया मौसीक इआद  तँ  रहलै | आ मालती केहन ? ओझाजी केहन ?"
लोटन -"सब कियो एकदम फस्ट किलास, दनादन, ओ सब आब छोरु पहिले किछ नास्ता कराऊ, मधुबनी सँ सौराठ पएरे अबैत-अबैत बड्ड भूख लागि गेल |"
सुनिते मातर मौसीक छाती में धक सँ उठल, ओ मने- मन सोचए लगलि - नेन्ना केँ की खुवाऊ ? घर में किछो नहि अपने तँ    माँगि बेसए क गुजरा कए  लै छी एकर नास्ता भोजनक  व्यवस्था कतए सँ होएत | " 
हुनक सोच केँ बिचे में तोरैत लोटन फेर सँ बाजल -" मौसी जल्दी बड्ड भूख लागल |"
अपना केँ सम्हारैत मौसी -"हाँ एखने हम भात, दालि, भुजिया, तरुआ, नीक सँ बना कए  नेन्ना केँ दै छी, अहाँ कनी बैसू |" इ कहैत मौसी भंसा घर दिस बिदा भेली, जहन की हुनका बुझल जे घर में किछ नहि अछि |
मुदा हुनका पाँछा-पाँछा लोटन सेहो आबि -" नहि मौसी एतेक काल हम नहि रुकब पाँच बजे मधुबनी सँ बाबूबरहीक अन्तीम बस छै आ चारि एखने बाजि गेलै |"
मौसी अपन घरक हालत देखि लोटनक गप्पक उतर नहि दए  सोचय लगलि - "आह ! मजबूरी नेन्ना केँ रूकैयो लेल नहि कैह सकै छी |" 
एतबा में लोटन भंसा घरक बर्तन सब केँ देखि बाजल -" एहि बर्तन सब में सँ जे किछ अछि दए दिए |'
"हे राम !"- मौसीक मन कनाल, बर्तन में किछ रहैक तहन नहि | आगु  हुनक मूह बंद भए गेलैंह, बकोर लगले केँ लगले रहलनि | बड्ड सहास सँ गप्प केँ समटैत बजली -"नहि बौआ किछ नहि छौ, हम एखने बिना देरी केने बनाबै छी |"    
लोटन -"नहि नहि मौसी बनाबै केँ नहि छै, बस छुटि जाएत |" एतबे में लोटनक नजैर टीनही ढकना सँ झाँपल कोनो समान पर परल | आगु जा ढकना उठा -"हे मौसी ई की ?"
मौसी अबाक, कि बजति, पहील बेर नेन्ना आएल आ ओकरा खूददीक रोटी खुआउ ओहो राइते केँ बनल | राति में एकटा खूददीक रोटी बनेने रहथि, आधा खा आधा ढकनी सँ झाँपि राइख देने रहथि |  
लोटन ओहि रोटी केँ दाँत सँ काटि कए  खाइत आगाँ बाजल -" एतेक नीक रोटी तँ  हम कहीयो खेन्हें नहि छलहुँ, मए  तँ  खाली छाल्ही भात, दूध-भात, दूध-रोटी, खुआ-खुआ कए  मोन घोर क  दैए | आहा एतेक स्वाद  तँ  पहील बेर भेट रहल अछि |"
मौसी लोटनक गप्प आ ओकर खएक तेजी देख बजली - "रुक-रुक कनी आचारो तँ  आनि देबअ दए |" ई कहि मौसी अचार ताकै लेल एम्हर -उम्हर ताकै लगली मुदा अचार कतौ रहै तहन तँ  भेटै |
लोटन -"रहअ दीयौ, एतेक नीक इ मोटका रोटी रहै अचार केँ कोन काज | रोटी तँ  खतम भए गेल | मौसी बकर-बकर ओकर मूह तकैत रहली | 
लोटन -" अच्छा आब हम जाई छी, घर देख लेलीयै फेर मधुबनी एलहुँ  तँ  अहाँ लग जरुर आएब, मुदा हाँ एहने नीकगर मोटका रोटी बनेने रहब " इ कहैत मौसी केँ गोर लागि लोटन गोली जकाँ बाहर आबि गेल | मुदा बाहर एला बाद मौसीक दयनीय  हालत देखि  ओकर दुनू आँखि सँ  नोरक धार बहैत रहै |      

*****
जगदानन्द झा 'मनु'

बुधवार, 1 अगस्त 2012

अहींटा एकटा नीक लोक छी . (हास्य कविता)


"कारीगरकतेक दिन बाद परीक्षा पास केलक
ओ त बड्ड बुडिबक अछि
अहाँ त बड्ड पहिने बड़का हाकिम बनि गेलौहं
ताहि द्वारे अहींटा एकटा नीक लोक छी .

अहाँक सफलताक  राज त
कहियो ने कियो कही सकैत अछि
अहाँ अपने लेल हरान रहैत छी
आ अहींटा एकटा नीक लोक छी .

सर समाज सँ कोनो मतलब नहि रखलौहं
परदेश मे दूमंजिला मकान बना लेलौहं
गाम घर सँ स्नेह रखनिहर कें
अपनेमने अहाँ बुडिबक बुझहैत छी .

अप्पन सभ्यता  संस्कृति अकछाह लगइए
ओकरा अहाँ बिसरै चाहैत छी
परदेश मे रंग-बिरंगक संस्कृति मे
अहाँ के नीक लगइए खूब मगन रहैत छी.

धियो-पूता के मातृभाषा नहि सिखबैत छि
ओकरा अंग्रेजी टा बजै लेल कहैत छी
मत्रिभाषक आंदोलन चलौनिहर बुडिबक
आ अहींटा एकटा नीक लोक छी.     

गाम घर पछुआएल अछि रहिए दिऔ
नहि कोनो माने मतलब राखू
अहाँ ए.सीमे बैसल आराम करैत छि
अहींटा एकटा नीक लोक छी.

सर-समाज सँ स्नेह रखलौहं तहि द्वारे
हम बकलेल बुडिबक घोषित भेल छी
अहाँ रुपैया कम ढ़ेरी लगेलौहं
तहि द्वारे अहींटा एकटा नीक लोक छी.

खली रुपैया टा चिन्हैत छी
अहाँ बिधपुरौआ बेबहर करैत छी.
पाइए अहाँ लेल सभ किछु
आ अहीं टा एकटा नीक लोक छी.

कियो पहिने कियो बाद मे
मेहनत करनिहार त सफल हेबे करत
ओकरा अहाँ प्रोत्साहित कियक नहि करैत छी?
यौ सफलतम मनूख अहींटा एकटा नीक लोक छी
.

गजल


‎))>>राखी पर सभ छोट भाई आ बड़ भाई लेल हमर इ गजल स्नेह आ आशीष क रूप में ))>>

राखब हमर राखी केर मान यौ भैया
बसल एही ताग हमर जान यौ भैया

यौ जुनि अहाँ बुझब ताग कच्चा एकरा
बहिनक लेल अछि अभिमान यौ भैया

जेना बचोलेंन लाज द्रोपदी क कन्हैया
तहिना हमरो राखबै सम्मान यौ भैया

श्रावण माषक अछि पूनम सोहावन
चम् चम् चमकि रहल चान यौ भैया

जोहै बाट बैसल बहिन परदेश में
तोरू अहाँ एम्हरो कहियो ध्यान यौ भैया

द रहल छै आशीष छोट भैया क ''रूबी ''
बड़ सँ माँगै छी आशीषक दान यौ भैया
आखर -१५
स्व सिनेह >>रूबी झा

पहिल विदेह मैथिली पत्रकारिता सम्मान- श्री नवेन्दु कुमार झा केँ


विदेह सम्मान
- श्री नवेन्दु कुमार झा केँ पहिल "विदेह मैथिली पत्रकारिता सम्मान



"पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल समदिया http://esamaad.blogspot.in/  अगस्त २०११ सँ सभ मास "ऐ मासक सभसँ नीक समदिया" सम्मानक घोषणा कएल जा रहल अछि। -समदिया- पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल। विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक-सूचना-सम्पर्क-समाद पूनम मंडल आ प्रियंका झा।

- सालक अन्तमे सर्वश्रेष्ठ मैथिली पत्रकारिता लेल ऐ १२ टा देल सम्मानमे सँ सर्वश्रेष्ठ श्री नवेन्दु कुमार झा केँ पहिल "विदेह मैथिली पत्रकारिता सम्मान" देल जएबाक घोषणा भेल।

-दोसर चक्रक लेल अगस्त २०१२ सँ सभ मास "ऐ मासक सभसँ नीक समदिया" सम्मानक घोषणा कएल जाएत।  अगस्त २०१३ मे हएत दोसर "विदेह पत्रकारिता सम्मान"क घोषणा।



"ऐ मासक सभसँ नीक समदिया" 


जुलाइ २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री   सुजीत कुमार झा  - जुलाइ २०१२  क सभसँ नीक समदिया श्री     सुजीत कुमार झा  केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/07/blog-post_6412.html लेल देल गेल अछि ।

जून २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री   रूपेश कुमार झा "त्योँथ" -  जून २०१२  क सभसँ नीक समदिया श्री    रूपेश कुमार झा "त्योँथ"  केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/06/blog-post_04.html लेल देल गेल अछि ।


मइ २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री  अमरनाथ झा -  मइ २०१२  क सभसँ नीक समदिया श्री   अमरनाथ  झा   केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/05/blog-post_21.html लेल देल गेल अछि ।


अप्रैल २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री  नवेन्दु कुमार झा -  अप्रैल  २०१२  क सभसँ नीक समदिया श्री  नवेन्दु कुमार झा   केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/04/blog-post_389.html लेल देल गेल अछि ।


मार्च २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री आशीष अनचिन्हार -  मार्च २०१२  क सभसँ नीक समदिया-  मार्च २०१२   क सभसँ नीक समदिया  श्री आशीष अनचिन्हार  केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/03/blog-post_8433.html लेल देल गेल अछि ।


फरबरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया श्री सरफराज सिद्दीक पप्पू फरबरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया- फरबरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया श्री सरफराज सिद्दीक पप्पूकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/02/blog-post_05.html लेल देल गेल अछि।

जनवरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया नवेन्दु कुमार झा
जनवरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया-  नवेन्दु कुमार झा केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/01/blog-post_3943.html लेल देल गेल अछि।


दिसम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया राम भरोस कापड़ि भ्रमर
दिसम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया- राम भरोस कापड़ि भ्रमरकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.com/2011/12/blog-post_4671.html लेल देल गेल अछि।


नवम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया विनीत उत्पल
नवम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया- विनीत उत्पलकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.com/2011/11/vinit-utpals-rti-application-dated.html लेल देल गेल अछि।



अक्टूबर २०११ क सभसँ नीक समदिया एक बेर फेरसँ नवेन्दु कुमार झा
अक्टूबर  २०११ क सभसँ नीक समदिया- एक बेर फेरसँ नवेन्दु कुमार झाकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट  http://esamaad.blogspot.com/2011/10/blog-post_14.html लेल देल गेल अछि।



सितम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया-नवेन्दु कुमार झा
सितम्बर  २०११ क सभसँ नीक समदिया- नवेन्दु कुमार झाकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट  http://esamaad.blogspot.com/2011/09/blog-post_01.html लेल देल गेल अछि।



अगस्त २०११ क सभसँ नीक समदिया- उदय चटर्जी
अगस्त २०११ क सभसँ नीक समदिया- उदय चटर्जीकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर मिथिलाक विकाससँ सम्बन्धित समाद http://esamaad.blogspot.com/2011/08/blog-post_26.html लेल देल गेल छन्हि।



विदेह सम्मान
-मैथिली नाटक/ संगीत/ कला/ मूर्तिकला/ फिल्मक समानान्तर दुनियाँक अभिलेखन आ सम्मान सेहो हएत विदेह सम्मानक घोषणा द्वारा

-ई घोषणा दिसम्बरक अन्त वा जनवरी २०१३ मे हएत
-मैथिली नाटक/ संगीत/ कला/ मूर्तिकला/ फिल्मक समानान्तर दुनियाँक अभिलेखन आ सम्मान कएल जाएत
-विदेह नाट्य उत्सव २०१३ क अवसरपर प्रदान कएल जाएत ई सम्मान।"



विदेह सम्मान
समदिया- पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल।विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक-सूचना-सम्पर्क-समाद पूनम मंडल आ प्रियंका झा।

अपन इलाकाक कोनो समाचार ऐ अन्तर्जाल (http://esamaad.blogspot.com/)पर देबा लेल , समाचार poonamberma@gmail.com वा priyanka.rachna.jha@gmail.com पर पठाउ वा एतए http://www.facebook.com/groups/samadiya/ फेसबुकपर राखू।"]

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक सदस्यता (नेपाल देशक भाषा-साहित्य,  दर्शन, संस्कृति आ सामाजिक विज्ञानक क्षेत्रमे  सर्वोच्च सम्मान)

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक सदस्यता
श्री राम भरोस कापड़ि 'भ्रमर' (2010)
श्री राम दयाल राकेश (1999)
श्री योगेन्द्र प्रसाद यादव (1994)

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान मानद सदस्यता
स्व. सुन्दर झा शास्त्री

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान आजीवन सदस्यता
श्री योगेन्द्र प्रसाद यादव



फूलकुमारी महतो मेमोरियल ट्रष्ट काठमाण्डू, नेपालक सम्मान
फूलकुमारी महतो मैथिली साधना सम्मान २०६७ - मिथिला नाट्यकला परिषदकेँ
फूलकुमारी महतो मैथिली प्रतिभा पुरस्कार २०६७ - सप्तरी राजविराजनिवासी श्रीमती मीना ठाकुरकेँ
फूलकुमारी महतो मैथिली प्रतिभा पुरस्कार २०६७ -बुधनगर मोरङनिवासी दयानन्द दिग्पाल यदुवंशीकेँ

साझा पुरस्कार (नेपालक साझा संस्थानक पुरस्कार) साझा लोकसंस्कृति पुरस्कार
-वि.सं. २०६७ प्राज्ञ रामभरोस कापड़ि भ्रमर

विद्यापति पुरस्कार कोषक पुरस्कार- मैथिली भाषा, साहित्य, कला संस्कृतिक लेल नेपाल सरकार द्वारा स्थापित नेपालमे सभसँ बड़का राशिक पुरस्कार। 

विद्यापति पुरस्कार कोषक लेल विभिन्न पाँच विद्यामे २०१२ (

२०६८ कातिक १८ गते नेपाल सरकार एक करोड रुपैयाक विद्यापति पुरस्कार कोषक स्थापना कएने छल, तकरा बाद र्इ पुरस्कार पहिल वेर देल जा रहल अछि।)
दु लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली भाषा साहित्य पुरस्कार मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार डा. राजेन्द्र विमलकेँ।
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली कला संस्कृति पुरस्कार शहीद रंजु झाकेँ
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली अनुसन्धान पुरस्कार डा. रामावतार यादवकेँ
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली पाण्डुलिपी पुरस्कार साहित्यकार परमेश्वर कापडिकेँ
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली अनुबाद पुरस्कार डा. रामदयाल राकेशकेँ


साहित्य अकादेमी  फेलो- भारत देशक सर्वोच्च साहित्य सम्मान (मैथिली)


           १९९४-नागार्जुन (स्व. श्री वैद्यनाथ मिश्र “यात्री” १९११-१९९८ ) , हिन्दी आ मैथिली कवि।


           २०१०- चन्द्रनाथ मिश्र अमर (१९२५- ) - मैथिली साहित्य लेल।



साहित्य अकादेमी भाषा सम्मान ( क्लासिकल आ मध्यकालीन साहित्य आ गएर मान्यताप्राप्त भाषा लेल):-
           
           २०००- डॉ. जयकान्त मिश्र (क्लासिकल आ मध्यकालीन साहित्य लेल।)
           २००७- पं. डॉ. शशिनाथ झा (क्लासिकल आ मध्यकालीन साहित्य लेल।)
            पं. श्री उमारमण मिश्र


साहित्य अकादेमीक टैगोर साहित्य पुरस्कार

२०११- जगदीश प्रसाद मण्डल (गामक जिनगी, लघु कथा संग्रह)


साहित्य अकादेमी पुरस्कार- मैथिली


१९६६- यशोधर झा (मिथिला वैभव, दर्शन)

१९६८- यात्री (पत्रहीन नग्न गाछ, पद्य)

१९६९- उपेन्द्रनाथ झा “व्यास” (दू पत्र, उपन्यास)

१९७०- काशीकान्त मिश्र “मधुप” (राधा विरह, महाकाव्य)

१९७१- सुरेन्द्र झा “सुमन” (पयस्विनी, पद्य)

१९७३- ब्रजकिशोर वर्मा “मणिपद्म” (नैका बनिजारा, उपन्यास)

१९७५- गिरीन्द्र मोहन मिश्र (किछु देखल किछु सुनल, संस्मरण)

१९७६- वैद्यनाथ मल्लिक “विधु” (सीतायन, महाकाव्य)

१९७७- राजेश्वर झा (अवहट्ठ: उद्भव ओ विकास, समालोचना)

१९७८- उपेन्द्र ठाकुर “मोहन” (बाजि उठल मुरली, पद्य)

१९७९- तन्त्रनाथ झा (कृष्ण चरित, महाकाव्य)

१९८०- सुधांशु शेखर चौधरी (ई बतहा संसार, उपन्यास)

१९८१- मार्कण्डेय प्रवासी (अगस्त्यायिनी, महाकाव्य)

१९८२- लिली रे (मरीचिका, उपन्यास)

१९८३- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (मैथिली पत्रकारिताक इतिहास)

१९८४- आरसी प्रसाद सिंह (सूर्यमुखी, पद्य)

१९८५- हरिमोहन झा (जीवन यात्रा, आत्मकथा)

१९८६- सुभद्र झा (नातिक पत्रक उत्तर, निबन्ध)

१९८७- उमानाथ झा (अतीत, कथा)

१९८८- मायानन्द मिश्र (मंत्रपुत्र, उपन्यास)

१९८९- काञ्चीनाथ झा “किरण” (पराशर, महाकाव्य)

१९९०- प्रभास कुमार चौधरी (प्रभासक कथा, कथा)

१९९१- रामदेव झा (पसिझैत पाथर, एकांकी)

१९९२- भीमनाथ झा (विविधा, निबन्ध)

१९९३- गोविन्द झा (सामाक पौती, कथा)

१९९४- गंगेश गुंजन (उचितवक्ता, कथा)

१९९५- जयमन्त मिश्र (कविता कुसुमांजलि, पद्य)

१९९६- राजमोहन झा (आइ काल्हि परसू, कथा संग्रह)

१९९७- कीर्ति नारायण मिश्र (ध्वस्त होइत शान्तिस्तूप, पद्य)

१९९८- जीवकान्त (तकै अछि चिड़ै, पद्य)

१९९९- साकेतानन्द (गणनायक, कथा)

२०००- रमानन्द रेणु (कतेक रास बात, पद्य)

२००१- बबुआजी झा “अज्ञात” (प्रतिज्ञा पाण्डव, महाकाव्य)

२००२- सोमदेव (सहस्रमुखी चौक पर, पद्य)

२००३- नीरजा रेणु (ऋतम्भरा, कथा)

२००४- चन्द्रभानु सिंह (शकुन्तला, महाकाव्य)

२००५- विवेकानन्द ठाकुर (चानन घन गछिया, पद्य)

२००६- विभूति आनन्द (काठ, कथा)

२००७- प्रदीप बिहारी (सरोकार, कथा)

२००८- मत्रेश्वर झा (कतेक डारि पर, आत्मकथा)

२००९- स्व.मनमोहन झा (गंगापुत्र, कथासंग्रह)

२०१०-श्रीमति उषाकिरण खान (भामती, उपन्यास)

२०११- श्री उदयचन्द्र झा "विनोद" (अपक्ष, कविता संग्रह)


साहित्य अकादेमी मैथिली अनुवाद पुरस्कार


१९९२- शैलेन्द्र मोहन झा (शरतचन्द्र व्यक्ति आ कलाकार-सुबोधचन्द्र सेन, अंग्रेजी)

१९९३- गोविन्द झा (नेपाली साहित्यक इतिहास- कुमार प्रधान, अंग्रेजी)

१९९४- रामदेव झा (सगाइ- राजिन्दर सिंह बेदी, उर्दू)

१९९५- सुरेन्द्र झा “सुमन” (रवीन्द्र नाटकावली- रवीन्द्रनाथ टैगोर, बांग्ला)

१९९६- फजलुर रहमान हासमी (अबुलकलाम आजाद- अब्दुलकवी देसनवी, उर्दू)

१९९७- नवीन चौधरी (माटि मंगल- शिवराम कारंत, कन्नड़)

१९९८- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (परशुरामक बीछल बेरायल कथा- राजशेखर बसु, बांग्ला)

१९९९- मुरारी मधुसूदन ठाकुर (आरोग्य निकेतन- ताराशंकर बंदोपाध्याय, बांग्ला)

२०००- डॉ. अमरेश पाठक, (तमस- भीष्म साहनी, हिन्दी)

२००१- सुरेश्वर झा (अन्तरिक्षमे विस्फोट- जयन्त विष्णु नार्लीकर, मराठी)

२००२- डॉ. प्रबोध नारायण सिंह (पतझड़क स्वर- कुर्तुल ऐन हैदर, उर्दू)

२००३- उपेन्द दोषी (कथा कहिनी- मनोज दास, उड़िया)

२००४- डॉ. प्रफुल्ल कुमार सिंह “मौन” (प्रेमचन्द की कहानी-प्रेमचन्द, हिन्दी)

२००५- डॉ. योगानन्द झा (बिहारक लोककथा- पी.सी.राय चौधरी, अंग्रेजी)

२००६- राजनन्द झा (कालबेला- समरेश मजुमदार, बांग्ला)

२००७- अनन्त बिहारी लाल दास “इन्दु” (युद्ध आ योद्धा-अगम सिंह गिरि, नेपाली)

२००८- ताराकान्त झा (संरचनावाद उत्तर-संरचनावाद एवं प्राच्य काव्यशास्त्र-गोपीचन्द नारंग, उर्दू)

२००९- भालचन्द्र झा (बीछल बेरायल मराठी एकाँकी-  सम्पादक सुधा जोशी आ रत्नाकर मतकरी, मराठी)

२०१०- डॉ. नित्यानन्द लाल दास ( "इग्नाइटेड माइण्ड्स" - मैथिलीमे "प्रज्वलित प्रज्ञा"- डॉ.ए.पी.जे. कलाम, अंग्रेजी)
२०११- श्री खुशीलाल झा (उपरवास कथात्रयी, रघुवीर चौधरीक गुजराती उपन्यास)

साहित्य अकादेमी मैथिली बाल साहित्य पुरस्कार


२०१०-तारानन्द वियोगीकेँ पोथी "ई भेटल तँ की भेटल"  लेल
२०११- ले.क. मायानाथ झा "जकर नारी चतुर होइ" लेल

साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार

२०११- श्री आनन्द कुमार झा (हठात परिवर्तन, नाटक)

प्रबोध सम्मान


प्रबोध सम्मान 2004- श्रीमति लिली रे (1933- )

प्रबोध सम्मान 2005- श्री महेन्द्र मलंगिया (1946- )

प्रबोध सम्मान 2006- श्री गोविन्द झा (1923- )

प्रबोध सम्मान 2007- श्री मायानन्द मिश्र (1934- )

प्रबोध सम्मान 2008- श्री मोहन भारद्वाज (1943- )

प्रबोध सम्मान 2009- श्री राजमोहन झा (1934- )

प्रबोध सम्मान 2010- श्री जीवकान्त (1936- )

प्रबोध सम्मान 2011- श्री सोमदेव (1934- )

प्रबोध सम्मान 2012- श्री चन्द्रभानु सिंह (१९२२- )

                                  श्री रामलोचन ठाकुर (१९४९- )

यात्री-चेतना पुरस्कार



२००० ई.- पं.सुरेन्द्र झा “सुमन”, दरभंगा;

२००१ ई. - श्री सोमदेव, दरभंगा;

२००२ ई.- श्री महेन्द्र मलंगिया, मलंगिया;

२००३ ई.- श्री हंसराज, दरभंगा;

२००४ ई.- डॉ. श्रीमती शेफालिका वर्मा, पटना;

२००५ ई.-श्री उदय चन्द्र झा “विनोद”, रहिका, मधुबनी;

२००६ ई.-श्री गोपालजी झा गोपेश, मेंहथ, मधुबनी;

२००७ ई.-श्री आनन्द मोहन झा, भारद्वाज, नवानी, मधुबनी;

२००८ ई.-श्री मंत्रेश्वर झा, लालगंज,मधुबनी

२००९ ई.-श्री प्रेमशंकर सिंह, जोगियारा, दरभंगा

२०१० ई.- डॉ. तारानन्द वियोगी, महिषी, सहरसा

२०११ ई.-  डॉ. राम भरोस कापड़ि भ्रमर (जनकपुर)


भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता

युवा पुरस्कार (२००९-१०) गौरीनाथ (अनलकांत) केँ मैथिली लेल।


भारतीय भाषा संस्थान (सी.आइ.आइ.एल.) , मैसूर रामलोचन ठाकुर:- अनुवाद लेल भाषा-भारती सम्मान २००३-०४ (सी.आइ.आइ.एल., मैसूर) जा सकै छी, किन्तु किए जाउ- शक्ति चट्टोपाध्यायक बांग्ला कविता-संग्रहक मैथिली अनुवाद लेल प्राप्त।  रमानन्द झा 'रमण':- अनुवाद लेल भाषा-भारती सम्मान २००४-०५ (सी.आइ.आइ.एल., मैसूर) छओ बिगहा आठ कट्ठा- फकीर मोहन सेनापतिक ओड़िया उपन्यासक मैथिली अनुवाद लेल प्राप्त।



नाटक, गीत, संगीत, नृत्य, मूर्तिकला, शिल्प आ चित्रकला क्षेत्रमे विदेह सम्मान २०१२ क घोषणा



विदेह सम्मान

विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी सम्मान

१.विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी फेलो पुरस्कार २०१०-११ 
२०१० श्री गोविन्द झा (समग्र योगदान लेल)
२०११ श्री रमानन्द रेणु (समग्र योगदान लेल)
२.विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी पुरस्कार २०११-१२ 

२०११ मूल पुरस्कार- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल (गामक जिनगी, कथा संग्रह)
२०११ बाल साहित्य पुरस्कार- ले.क. मायानाथ झा (जकर नारी चतुर होइ, कथा संग्रह)
२०११ युवा पुरस्कार- आनन्द कुमार झा (कलह, नाटक)
२०१२ अनुवाद पुरस्कार- श्री रामलोचन ठाकुर- (पद्मानदीक माझी, बांग्ला- मानिक बंद्योपाध्याय, उपन्यास बांग्लासँ मैथिली अनुवाद)


विदेह भाषा सम्मान २०१२-१३ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कारक रूपमे प्रसिद्ध)

बाल साहित्य पुरस्कार २०१२- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल केँ “तरेगन” बाल प्रेरक विहनि कथा संग्रह


नाटक, गीत, संगीत, नृत्य, मूर्तिकला, शिल्प आ चित्रकला क्षेत्रमे विदेह सम्मान २०१२ क घोषणा

अभि‍नय- मुख्य अभिनय ,

सुश्री शि‍ल्‍पी कुमारी, उम्र- 17 पि‍ता श्री लक्ष्‍मण झा

श्री शोभा कान्‍त महतो, उम्र- 15 पि‍ता- श्री रामअवतार महतो,

हास्‍य-अभिनय

सुश्री प्रि‍यंका कुमारी, उम्र- 16, पि‍ता- श्री वैद्यनाथ साह

श्री दुर्गानंद ठाकुर, उम्र- 23, पि‍ता- स्‍व. भरत ठाकुर

नृत्‍य

सुश्री सुलेखा कुमारी, उम्र- 16, पि‍ता- श्री हरेराम यादव

श्री अमीत रंजन, उम्र- 18, पि‍ता- नागेश्वर कामत

चि‍त्रकला
श्री पनकलाल मण्डल, उमेर- ३५, पिता- स्व. सुन्दर मण्डल, गाम छजना
श्री रमेश कुमार भारती, उम्र- 23, पि‍ता- श्री मोती मण्‍डल

संगीत (हारमोनियम)

श्री परमानन्‍द ठाकुर, उम्र- 30, पि‍ता- श्री नथुनी ठाकुर

संगीत (ढोलक)

श्री बुलन राउत, उम्र- 45, पि‍ता- स्‍व. चि‍ल्‍टू राउत

संगीत (रसनचौकी)

   श्री बहादुर राम, उम्र- 55, पि‍ता- स्‍व. सरजुग राम

शिल्पी-वस्तुकला

    श्री जगदीश मल्लिक,५० गाम- चनौरागंज

मूर्ति-मृत्तिका कला

श्री यदुनंदन पंडि‍त, उम्र- 45, पि‍ता- अशर्फी पंडि‍त


काष्ठ-कला

श्री झमेली मुखिया,पिता स्व. मूंगालाल मुखिया, ५५, गाम- छजना


किसानी-आत्मनिर्भर संस्कृति

श्री लछमी दास, उमेर- ५०, पिता स्व. श्री फणी दास, गाम वेरमा

विदेह मैथिली पत्रकारिता सम्मान


-२०१२ श्री नवेन्दु कुमार झा

गजल कमला-कोसी-बगमती-महानंदा सम्मान


अनचिन्हार आखर ( http://anchinharakharkolkata.blogspot.com ) द्वारा प्रायोजित "गजल कमला-कोसी-बगमती-महानंदा सम्मान" बर्ख 2011 लेल ओस्ताद सदरे आलम गौहर जीकेँ प्रदान कएल गेलैन्ह। एहि बेरुक मुख्यचयनकर्ता ओस्ताद सियाराम झा"सरस" छलखिन्ह।..