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सोमवार, 18 मार्च 2013

हमहूँ जेबै बरियाती

बाल कविता-19

हमहूँ जेबौ बरियाती

मामाक विआह छै, एथिन मामी
आनी-मूनी हम किछु नै जानी
नै गुड़िया लेबौ, नै लेबौ हाथी
बनि लोकनियाँ हमहूँ जेबौ बरियाती

चानन-ठोप लगा कऽ हमरो सजा दे
चुरीदार पैजामा, उजरा कुर्ता सिया दे
हमरो चुमा दे, आबि कऽ नानी
किछु भऽ जाए, जेबौ बरियाती


http://navanshu.blogspot.com/2013/03/blog-post_18.html

अरिछन-परिछन हमरो सब करतै
बड दुलारसँ रसगुल्ला, खीर खुएतै
कोरामे बैसा दुलार करतै मामी
आइ नै मानबौ, जेबौ बरियाती

नै आगू हेतौ तँ पाछुए बैसबौ
मिसियो नै आब बदमाशी करबौ
नै मानबें तँ रूसि बैसबौ बाड़ी
गाड़ियोपर लटकि, जेबौ बरियाती

अमित मिश्र

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