बाबा भोलेनाथक विशाल मन्दिर। मुख्य शिवलिंग आ समस्त शिव परिवारक भव्य आ सुन्दर मूर्ति। साँझक समय एक-एक कए भक्त सब अबैत आ बाबाक स्तुति वन्दना करैत जाएत। एकटा चारि बर्खक नेना आबि बाबा दिस धियानसँ देखैत। ताबएतमे एकटा भक्त आबि बाबाक सोंझाँ श्लोक, “कर्पुर गौरं करुणाव
जिला अस्पताल। डा० श्रीमती
देवी सिंह। पेशेंटकेँ शुक्ष्म परिक्षण कएला बाद परिक्षण कक्षसँ बाहर आबि कुर्सीपर
बैसैत, सामने अपन कॉलेजक संगी सुधासँ, “ई कि अहाँ तँ कहलहुँ सुटीयाक वर दू वर्ख पहिने मरि गेल छै मुदा ओ तँ तीन
महिनाक गर्भसँ अछि।”
स्वतन्त्रा दिवसकेँ पावन अबसरपर अपने सभ लोकनिकेँ मंगलमय शुभकामना
सहित बहुत हर्खक गप्प जेमैथिलपुत्र वार्षिक
पुरस्कार २०१२-१३केर चयन भए गेल अछि। चयन
समितिमे समिलित छथिश्रीउमेश मंडलजी, श्री आशीष अनचिन्हारजी आ डा० कैलाश मिश्रजी। तीनुक समक्ष बारहो
महिनाक बरहटा श्रेष्ठ रचना राखल गेल। काज कठिन छल,
तीनु
विद्वान गुरुजनकेँ अपन स्वविवेकसँ निर्णय लेबक छलनि मुदा अन्ततः एकटापर निर्णय नहि
भए सकल।