मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। कृपया एहि ब्लॉगकेँ subscribe/ फ़ॉलो करब नहि बिसरब, जाहिसँ नव पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनिकेँ भेटैत रहत।

शनिवार, 10 नवंबर 2012

गजल


तेल बिनु जेना निशठ टेमी धएने
बिनु पिया जीवन बितत कोना अएने

बरख बरखसँ हम तुसारी पूजने छी
बुझब की सुख साँझ पाबनि बिनु कएने

छै धिया सुख की बुझब कोना धिया बिनु
भ्रूण हत्यारा बुझत की बिनु पएने

मोल जीवनमे हमर बाबूक की अछि
मोन बुझलक छन्नमे हुनका गएने

रंग बदलति देखलौं  सभकेँ हँसीमे
देखि 'मनु' दुनियाँक रहलौं मुँह बएने

(बहरे रमल, २१२२-२१२२-२१२२)    
जगदानन्द झा 'मनु'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें