मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। एहि ब्लॉग के subscribe करब नहि बिसरब, जाहिसँ समस्त आलेख पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनि के भेटैत रहत।

सोमवार, 28 नवंबर 2011

मायक भूमि बजा रहल अछि


जुनि हमरा जकरु महामाया, मायक भूमि बजा रहल अछि
जाहि माटिकेँ  देह बनल हमर, ओमाटि  बजा रहल अछि

रुन-झुन संगी-साथीक हमरा, इआद बहुत सता  रहल अछि
काका-ककिक मधुर वोल, कानमे घंटी बजा रहल अछि

जुनि हमरा जकरु महामाया, मायक भूमि बजा रहल अछि
सोंधी-सोंधी मुरहीक खुशबू, गामक हमरा खीच रहल अछि

कनियाँ-काकीक कडकड कचड़ी, मोनकेँ  डोला रहल अछि
लहलह झुमैत खेतक धान, शीश हिला कए  बजा रहल अछि

चौरचन, छठिक सनेसक स्वाद, हमरा कचोति रहल अछि
हुक्का-लोलिक उक जे फेकल, सुमैर हमरा कना रहल अछि 

नहि  सहिसकैत छी दुरी एतेक आब, ह्रदय-बांध टूट रहल अछि
जुनि हमरा जकरु महामाया, मायक भूमि बजा रहल अछि

*****
 जगदानन्द झा 'मनु'


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें