मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। कृपया एहि ब्लॉगकेँ subscribe/ फ़ॉलो करब नहि बिसरब, जाहिसँ नव पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनिकेँ भेटैत रहत।

सोमवार, 28 नवंबर 2011

कविता-पाई


आई पाई सँ प्यार
खरीदल जाएत छैक
सम्मान खरीदल जाएत छैक
वस् ! जेबी में हेबाक चाहि
पाई
हमरा नहि चाहि
ई पाईयक दुनियाँ
हमरा नहि चाहि
ई भाराकए दुनियाँ

हम तs वसायव्
अपन एक नव आशियाँ
जाहिठाम प्यार कए अहमियत होई
सम्मान कए पूजा होई
जाहिठाम
ठोड पर हँसी लावैक लेल
ह्रदय सँ आह! नहि निकलै
शब्द बजैक सँ पाहिले
लाबा में नहि बदलै
जाहिठाम
अर्थ कए अर्थ समझल जाए
सबके भीतर
एक प्यारक आशियाँ
बसायल जाई |
*** जगदानंद झा 'मनु'
-----------------------------------------------------------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें