मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। एहि ब्लॉग के subscribe करब नहि बिसरब, जाहिसँ समस्त आलेख पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनि के भेटैत रहत।

सोमवार, 26 मई 2014

बाल कविता : होली एलै

होली एलै होली एलै
सबहक मोनमे खुशी जगेलै
रंग बिरंगक सपना अछि अनने
वसन्तक हबा संग झूमि एलै।

सीरक तोसक दूर भगा कए
डारि पातकेँ हरियर केलक
अँगना दौढ़ीमे फूल फुला कए
चाहुदिस हँसैत होली एलै।

धिया किनलनि फुचुक्का
नेना रंग आओर गुलाल
हाट बाजारमे हल्ला भेल छै
सबतरि भरल अबीर लाल गुलाब।

केकरो माथमे अबीर भरल अछि
केकरो मुँह मलल अछि रंग
केकरो हाथ मलपुआ भरल
कियो पिबैत भरि लोटा भंग।
©जगदानन्द झा ‘मनु’

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें