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बुधवार, 21 मई 2014

बाल कविता : छुट्टी भऽ गेलै

टन टन टन टन घंटी बजलै
धिया पुताकेँ मनमा दोललै
मौलाएल मुँह झट हँसि गेलै
हजारो कमल जेना संग फूलि गेलै
हाथमे झोड़ा लए कऽ दौड़ल
खुशीसँ मोनमे दही पौड़ल
नै छै चिंता काल्हि की हेतै
नै छै चिंता आइ की हेतै
सबहक मोनमे खुशी छै ऐकेँ
छुट्टी भऽ गेलै आइ इस्कूलकेँ
छुट्टी भऽ गेलै छुट्टी भऽ गेलै
आइ इस्कूलकेँ छुट्टी भऽ गेलै
@ जगदानन्द झा ‘मनु’

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