बाल कविता-86
मेघ राजा जल्दी आ
मेघक राजा जल्दी आ
बाल्टी भरि भरि पानि ला
सुखलै आम, मौलाएल लताम
मरल जन्तुकेँ आबि जिया
मेघक राजा जल्दी आ
पियासल धरती कानै छै
सूरज सीमा फानै छै
मोर-मोरनीकेँ आब नचा
बेंगक सऽख जल्दी पुरा
मेघ राजा जल्दी आ
देबौ तोरा दूध-भात
तिलकोरक तरूआ भरल पात
झट बिजुरी चमकेने आ
गड़-गड़-गड़-गड़ शोर मचा
सूरजकेँ ठण्ढेने आ
गर्मी दूर भगेने आ
मेघ राजा जल्दी आ
अमित मिश्र
मेघ राजा जल्दी आ
मेघक राजा जल्दी आ
बाल्टी भरि भरि पानि ला
सुखलै आम, मौलाएल लताम
मरल जन्तुकेँ आबि जिया
मेघक राजा जल्दी आ
पियासल धरती कानै छै
सूरज सीमा फानै छै
मोर-मोरनीकेँ आब नचा
बेंगक सऽख जल्दी पुरा
मेघ राजा जल्दी आ
देबौ तोरा दूध-भात
तिलकोरक तरूआ भरल पात
झट बिजुरी चमकेने आ
गड़-गड़-गड़-गड़ शोर मचा
सूरजकेँ ठण्ढेने आ
गर्मी दूर भगेने आ
मेघ राजा जल्दी आ
अमित मिश्र
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