हे परी रानी, परी रानी
चोकलेट खूब पठा दिअ
दू पाँखि, उजरा कपड़ा दऽ
अपने सन हमरो बना दिअ
सपनामे आब एनाइ छोड़ू
सदेह कोनो ठाम देखा दिअ
चान-तरेगण वा निज नगरी
उड़नखटोलापर संगे घुमा दिअ
जादू कए किछु खेल देखा कऽ
मोनक उपवन गमका दिअ
धरतीपर एक बेर आबि कऽ
दुखक सागर सुखा दिअ
अमित मिश्र
*फोटो हमर छात्रा प्रीती झा(ज्ञान भारती पब्लिक स्कूल, दरभंगा ,वर्ग-5)क अछि ।हमरा नीक लागल, आशा अछि अहूँकें नीक लागत ।
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