मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। कृपया एहि ब्लॉगकेँ subscribe/ फ़ॉलो करब नहि बिसरब, जाहिसँ नव पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनिकेँ भेटैत रहत।

शुक्रवार, 5 अगस्त 2016

रभसल

"धूर भौजी ! अहुँ बड़ रभसल जकाँ किनादन करैत रहै छी ।"
"यौ लाल बाबु रहै दियौ, जँ हम एना रभसल जकाँ नहि करितौँ तँ, ई जे कोरामे भतिजाकेँ लदने रहै छी से मनोरथ अहाँक भैया बुते तँ रहिए गेल रहिते ।"
© जगदानंद झा 'मनु' 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें