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मंगलवार, 31 जनवरी 2012

विदेह मैथिली नाट्य उत्सव २०१२































































MAITHILI KAVYA: GEET

MAITHILI KAVYA: GEET: बाजू-बाजू कनियाँ, लेब कुन गहना लेब कानक बाली वा पएरक पैजनियाँ ....? नै लेब सजना हम कुनू गहना हमरा त' चाही आहाँक दुलार सजना ... ब...

MAITHILI KAVYA: KAVITA

MAITHILI KAVYA: KAVITA: " बेटी " बेटी के जुनि बुझू अभिषाप बेटीए छैथ सृष्टिक आधार अपन मिथ्या प्रदर्शनक कारण नै छिनियो ओकरा सँ ओकर जीवक जन्म- सिद्ध अधिकार हटा फेंक...

सोमवार, 30 जनवरी 2012

चोनहा (बाल उपन्यास)

बाल उपन्यास “चोनहा”, एकटा बाल मनोविज्ञानपर आधारित उत्कृष्ट रचना अछि, जे एकटा किशोरावस्थाक बालक केर मोनक दशा आ समाज व परिवारक बिचक अंतर्द्वंद्वकेँ परोसने अछि। हमरा सभकेँ ख़ास कय एकटा पेएरेंटसकेँ अथवा पेएरेंटस बनब’सँ पूर्व एकटा पति पत्नीकेँ अवश्य पढ़वा चाही।


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सादर - जगदानन्द झा ‘मनु’


गजल


कुशल आबि देख लिअ, एतऽ सबटा आँखि नोर सँ भरल छै।
विकास कतऽ भेलै, विकासक दिस इ बाट चोर सँ भरल छै।

चिडै सभ कतौ गेल की, मोर घूमैत अछि गाम सगरो,
इ बगुला तँ पंख अछि रंगि कऽ, सभा वैह मोर सँ भरल छै।

सब नजरि पियासल छल तकैत आकाश चानक दरस केँ,
निकलतै इ चान कहिया, आसक धरा चकोर सँ भरल छै।

उजाही उठल गाम मे, नै कनै छै करेज ककरो यौ,
हमर गाम एखनहुँ खुश गीत गाबैत ठोर सँ भरल छै।

कहै छल कियो गौर वर्णक गौरवक एहन अन्हार इ,
सब दिस तँ अछि स्याह मोन जखन इ भूमि गोर सँ भरल छै।
फऊलुन(ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ)- ६ बेर प्रत्येक पाँति मे

गजल@प्रभात राय भट्ट

गजल
मिथिलाक पाहून भगवान श्रीराम छै
जग में सब सं सुन्दर मिथिलाधाम छै

मिथिलाक मईट सं अवतरित सीता
जग में सब सं सुन्दर हुनक नाम छै

मिथिलाक शान बढौलन महा विद्द्वान
कवी कोकिल विद्यापति हुनक नाम छै

भS जाएत अछि सम्पूर्ण पाप तिरोहित
मिथिला एकटा पतित पावन धाम छै

भेटत नै एहन अनुपम अनुराग
प्रेम परागक कस्तूरी मिथिलाधाम छै

घुमु अमेरिका अफ्रीका लन्दन जापान
जग में नै कोनो दोसर मिथिलाधाम छै

मिथिला महातम एकबेर पढ़ी जनु
मिथिला सं पैघ नै कोनो दोसर धाम छै

जतय भेटत कमला कोशी बलहान
अयाचिक दलान,वही मिथिलाधाम छै

गौतम कपिल कणाद मंडन महान
प्रखर विद्द्वान सभक मिथिलाधाम छै

ऋषि मुनि तपश्वी तपोभूमि अहिठाम छै
"प्रभात"क गाम महान मिथिलाधाम छै
.............वर्ण:-१५...........
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट