बड़ सुनल जस माइ हे तोहर दुअरिया
जोड़ि कल अनलौं सिनेहक हम गठरिया
सूप डाला कोनिया सभमे अरज छै
थाढ़ दुखलै गोरबा फेरूँ नजरिया
दुख दुखीयाकेँ हरै परमेश्वरी तूँ
माइ हमरे बेरिया मुनलअ किबरिया
दिन छये देने छलौं दर्शन अपन जे
फेर दर्शन दिअ अहाँ हम छी भिखरिया
मोन टूटल जाइए छल देह टूटल
‘मनु’ तकै छै माइकेँ सगरो नगरिया
(बहरे रमल, मात्राक्रम 2122-2122-2122)
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
Sudar bhajan
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