छोडी दियौ हाथ देखिऔ केम्हर जाइ छै
ईजोत में सदिखन मुदा अन्हारो में खाइ छै
अपना सँ छूरा के हाथ भागै छै
जोरै छै हाथ ऒम्हर जेम्हर देखैत पाइ छै
एतेक भरी खदहा कोरने अछि ई हाथ
कोसीस केलौ भरय के मुदा नै भराइ छै
तंग अछि लोक जै नेता सं
देख हाथ मे नोट ऒकरे पाछू पराइ छै
मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित Maithiliputra - Dedicated to Maithili Literature & Language
बुधवार, 28 दिसंबर 2011
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रवि मिश्रा’भारद्वाज’

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