पाथर करेजा हमर प्रभु कोमल करु
एतअ रहि अहाँ एहेन सिनेहल करु
संसारक जंजालसँ मुक्ति दय ‘मनु’केँ
अपने चाकरीमे सदिखन राखल करु
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित Maithiliputra- Dedicated to Maithili Literature and Language
पाथर करेजा हमर प्रभु कोमल करु
एतअ रहि अहाँ एहेन सिनेहल करु
संसारक जंजालसँ मुक्ति दय ‘मनु’केँ
अपने चाकरीमे सदिखन राखल करु
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
खड़ाम पैरमे नहि अकास मोनमे छल
कुहास बहुत बाहर इजोत टोनमे छल
टएरकेँ चलाबी गरीब तेँ बुझू नहि
हमर अपन सगर धन अहाँक लोनमे छल
किएक आनके दुख बुझत चलाक नेता
हुनक सगर बुढ़ापा तँ सेफ जोनमे छल
सिनेह शांति सबटा जगतसँ गेल हेरा
अखनसँ नीक बेसी मनुष्य बोनमे छल
पतंग पाछु भागैत मनुक हर्ख देखू
पुतौह केर जेना बहिनसँ फोनमे छल
(मात्राक्रम 121-2122-121-2122, सभ पाँतिमे)
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’