कतय भेटत एहन प्रेम जे मीत अहाँ देलौं
मित्रताक कर्मपथ पर मोन जीत अहाँ लेलौं
स्वार्थक मीत जग समूचा,मोन मीत नहीं कियो
धन्य सौभाग्य हमर मोन मीत बनी अहाँ एलौं
स्वार्थक मेला में भोगलौं हम वर वर झमेला
हर झमेला में बनिक सहारा मीत अहाँ एलौं
मजधार डूबैत हमर जीवनक जीर्ण नाव
नावक पतवार बनी मलाह मीत अहाँ एलौं
निस्वार्थ भाव अहाँ मित्रताक नाता जोड़ी लेलहुं
हर नाता गोटा सं बड़का रिश्ता मीत अहाँ देलौं
नीरसल जिन्गीक हर क्षण भेल छल उदास
उदास जिन्गीक ठोर पर गीत मीत अहाँ देलौं
संगीतक ध्वनी सन निक लगैय मीतक प्रीत
कृष्ण सुदामाक प्रतिक बनी मीत अहाँ एलौं
...............वर्ण:-१८.....................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित Maithiliputra - Dedicated to Maithili Literature & Language
बुधवार, 15 फ़रवरी 2012
गजल@प्रभात राय भट्ट
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गजल,
प्रभात राय भट्ट
हमर संक्षिप्त परिचय नाम:-प्रभात राय भट्ट जन्म:-बि.स.२०३६/०४/१५ पिता:- श्री गंगेश्वर राय (शिक्षक)माता:-श्रीमती गायत्री देवी (समाज सेविका)पितामह :- स्वर्गीय गौरीशंकर राय जेष्ठ भ्राता:- श्री प्रकाश राय भट्ट अनुज :- प्रवीन राय भट्ट बोहीन:- आशा देवी राय पत्नी :- पूनम देवी राय जेष्ठ पुत्री :-स्वर्णिम राय भट्ट पुत्र :-सत्यम राय भट्ट पेशा:-नोकरी नेपाल प्रहरी ५ वर्ष, वर्तमान नोकरी साउदी अरब स्थित अमेरिकन दूतावास में आर्म्ड फ़ोर्स, हमर अभिरुचि अध्ययन आ लेखन खास कs मैथिली बहुत जायदा पसंद करैत छी : हर मिथिलावासी के पसंद पान, माखन, और माछ हमरो पसंद अछि तेह हमरो उदेश्य मिथिला के सम्मान करब
आर मैथिलि साहित्य में अनवरत रूपेण हम अपन योगदान दैत रही इ हमर संकल्प अछि,जय मिथिला जय मैथिलि !!!
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